कुण्डिकोपनिषद अनुक्रम रचनाकाल सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूचीउपनिषदों ने आत्मनिरीक्षण का मार्ग बतायाUpanishads at Sanskrit Documents Siteपीडीईएफ् प्रारूप, देवनागरी में अनेक उपनिषदGRETILTITUSTranslations of major Upanishads11 principal Upanishads with translationsTranslations of principal Upanishads at sankaracharya.orgUpanishads and other Vedanta textsडॉ मृदुल कीर्ति द्वारा उपनिषदों का हिन्दी काव्य रूपान्तरणComplete translation on-line into English of all 108 Upaniṣad-sसंसंसं
वैदिक धर्मउपनिषददर्शन
सामवेदियउपनिषदवेदव्यास
कुण्डिकोपनिषद सामवेदिय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखित है। इसके रचियता वैदिक काल के ऋषियों को माना जाता है परन्तु मुख्यत वेदव्यास जी को कई उपनिषदों का लेखक माना जाता है।
कुण्डिकोपनिषद | |
---|---|
लेखक | वेदव्यास |
चित्र रचनाकार | अन्य पौराणिक ऋषि |
देश | भारत |
भाषा | संस्कृत |
श्रृंखला | सामवेदिय उपनिषद |
विषय | ज्ञान योग, द्वैत अद्वैत सिद्धान्त |
प्रकार | हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ |
अनुक्रम
1 रचनाकाल
2 सन्दर्भ
3 बाहरी कड़ियाँ
3.1 मूल ग्रन्थ
3.2 अनुवाद
रचनाकाल
उपनिषदों के रचनाकाल के सम्बन्ध में विद्वानों का एक मत नहीं है। कुछ उपनिषदों को वेदों की मूल संहिताओं का अंश माना गया है। ये सर्वाधिक प्राचीन हैं। कुछ उपनिषद ‘ब्राह्मण’ और ‘आरण्यक’ ग्रन्थों के अंश माने गये हैं। इनका रचनाकाल संहिताओं के बाद का है। उपनिषदों के काल के विषय मे निश्चित मत नही है समान्यत उपनिषदो का काल रचनाकाल ३००० ईसा पूर्व से ५०० ईसा पूर्व माना गया है। उपनिषदों के काल-निर्णय के लिए निम्न मुख्य तथ्यों को आधार माना गया है—
- पुरातत्व एवं भौगोलिक परिस्थितियां
- पौराणिक अथवा वैदिक ॠषियों के नाम
- सूर्यवंशी-चन्द्रवंशी राजाओं के समयकाल
- उपनिषदों में वर्णित खगोलीय विवरण
निम्न विद्वानों द्वारा विभिन्न उपनिषदों का रचना काल निम्न क्रम में माना गया है[1]-
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सन्दर्भ
↑ Ranade 1926, pp. 13–14
बाहरी कड़ियाँ
- उपनिषदों ने आत्मनिरीक्षण का मार्ग बताया
मूल ग्रन्थ
- Upanishads at Sanskrit Documents Site
- पीडीईएफ् प्रारूप, देवनागरी में अनेक उपनिषद
- GRETIL
- TITUS
अनुवाद
- Translations of major Upanishads
- 11 principal Upanishads with translations
- Translations of principal Upanishads at sankaracharya.org
- Upanishads and other Vedanta texts
- डॉ मृदुल कीर्ति द्वारा उपनिषदों का हिन्दी काव्य रूपान्तरण
Complete translation on-line into English of all 108 Upaniṣad-s [not only the 11 (or so) major ones to which the foregoing links are meagerly restricted]-- lacking, however, diacritical marks