विमलेश कांति वर्मा बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूचीविमलेश कांति वर्माडॉ विमलेश कांति वर्मा दिल्ली हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष नियुक्तThis Linguist Works at Keeping Hindi Alive, Locally and Globally
हिन्दीसेवी
हिन्दीअनुप्रयुक्त भाषाविज्ञानकोश निर्माणअनुवादसांस्कृतिक अध्ययनभारतविद्यादिल्ली विश्वविद्यालयअनुप्रयुक्त भाषा विज्ञानटोरेन्टो विश्वविद्यालय
डॉ॰ विमलेश कांति वर्मा हिन्दी साहित्यकार तथा प्राध्यापक हैं। इन्होंने पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से निरंतर अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, कोश निर्माण, पाठालोचन, अनुवाद और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में अपनी देश-विदेश में सशक्त उपस्थिति दर्ज़ कराई है। डॉ. विमलेश कांति वर्मा ने हिंदी भाषा, साहित्य और भारतविद्या के क्षेत्र में 20 पुस्तकें लिखीं हैं और 60 शोध-पत्र प्रकाशित किए हैं। बुल्गारिया की सरकार ने डॉ. वर्मा को अनुवादों के माध्यम से भारत और बुल्गारिया के मध्य सांस्कृतिक संबंध मजबूत करने के लिए दो बार राष्ट्रीय सम्मान दिए हैं।
डॉ. वर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में चार दशकों से हिंदी भाषा, साहित्य और अनुप्रयुक्त भाषा विज्ञान पढ़ा रहे हैं। इन्हें टोरेन्टो विश्वविद्यालय, कनाडा (1973), सोफिया विश्वविद्यालय, बुल्गारिया (1974-78) तथा साउथ पैसिफिक विश्वविद्यालय, सुवा, फिजी द्वीपसमूह (1986) में हिंदी शिक्षण योजना शुरू करने का श्रेय जाता है।
एक विदेशी भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण के लिए इन्होंने जो हिंदी शिक्षण उपकरण विकसित किए, वे देश विदेश में बहुत लोकप्रिय हुए। इनका बुल्गारियाई-हिंदी शब्दकोश जो गवर्नमेंट पब्लिशिंग हाउस से प्रकाशित है, शब्दकोश रचना के क्षेत्र में मानक है। इन्होंने अनेक बुल्गारियाई शास्त्रीय ग्रंथों का हिंदी में अनुवाद किया। हाल ही में प्रकाशित इनकी दो रचनाएं ‘लर्न्स इलस्ट्रेटेड हिंदी इंगलिश डिक्शनरी’ तथा ‘स्टडीज ऑन हिंदी: ए कॉम्प्रिहेन्सिव बिबलियोग्राफी’ अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में खूब बिक रही हैं।
बाहरी कड़ियाँ
- विमलेश कांति वर्मा
- डॉ विमलेश कांति वर्मा दिल्ली हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष नियुक्त
- This Linguist Works at Keeping Hindi Alive, Locally and Globally