यंग का प्रत्यास्थता मापांक दिक्चालन सूचीबढ़ाने मेंसं

Multi tool use
Multi tool use

भौतिकी आधारयान्त्रिकीभौतिक शब्दावलीभौतिक लक्षण







यांत्रिकी में प्रत्यास्थता (elasticity) पदार्थों के उस गुण को कहते हैं जिसके कारण उस पर वाह्य बल लगाने पर उसमें विकृति (deformation) आती है परन्तु बल हटाने पर वह अपनी मूल स्थिति में आ जाता है।


यदि वाह्यबल के परिमाण को धीरे-धीरे बढ़ाया जाय तो विकृति समान रूप से बढ़ती जाती है, साथ ही साथ आंतरिक प्रतिरोध भी बढ़ता जाता है। किन्तु किसी पदार्थ पर एक सीमा से अधिक बल लगाया जाय तो उस वाह्य बल को हटा लेने के बाद भी पदार्थ पूर्णत: अपनी मूल अवस्था में नहीं लौट पाता; बल्कि उसमें एक स्थायी विकृति शेष रह जाती है। पदार्थ की इसी सीमा को प्रत्यास्थता सीमा (Limit of elasticity या Elastic limit) कहते हैं। आंकिक रूप से स्थायी परिवर्तन लानेवाला, इकाई क्षेत्र पर लगनेवाला, न्यूनतम बल ही "प्रत्यास्थता सीमा" (Elastic limit) कहलाता है। प्रत्यास्थता की सीमा पार चुके पदार्थ को सुघट्य (Plastic) कहते हैं।


प्रत्यास्थता सीमा के भीतर, विकृति वस्तु में कार्य करनेवाले प्रतिबल की समानुपाती होती है। यह एक प्रायोगिक तथ्य है एवं हुक के नियम (Hooke's law of elasticity) के नाम से विख्यात है।







c7dm04Y
mSV5FFeeF6rvzNXxUqwuJS,NMPJS NWEC1UU1H32,RXL9qUD12bhHLSUryURWapkcPB7

Popular posts from this blog

कुँवर स्रोत दिक्चालन सूची"कुँवर""राणा कुँवरके वंशावली"

शेव्रोले वोल्ट अनुक्रम इतिहास इन्हे भी देखें चित्र दीर्घा संदर्भ दिक्चालन सूची

चैत्य भूमि चित्र दीर्घा सन्दर्भ बाहरी कडियाँ दिक्चालन सूची"Chaitya Bhoomi""Chaitya Bhoomi: Statue of Equality in India""Dadar Chaitya Bhoomi: Statue of Equality in India""Ambedkar memorial: Centre okays transfer of Indu Mill land"चैत्यभमि