१८६९ का राजपूताना अकाल अनुक्रम अकाल के कारण लोगों के मन में आश अकाल की समाप्ति सन्दर्भ दिक्चालन सूचीजुड़ते हैंसम्बन्धित लेखों
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ये मानचित्र उस समय का है जब अकाल पड़ा था
१८६९ का राजपूताना अकाल जिसे ग्रेट राजपूताना अकाल भी कहा जाता है इसके अलावा हम इस अकाल को बुंदेलखंड अकाल भी कह सकते हैं 'ये अकाल १८६९ में पड़ा था ' इसमें १९६.००० वर्ग मील (७७०,००० किलोमीटर) प्रभावित हुए थे तथा उस वक्त की जनसंख्या लगभग ४४,५००,००० जिसमें मुख्य रूप से राजपूताना ,अजमेर ,भारत प्रभावित हुआ था ' इनके अलावा गुजरात ,उत्तरी डेक्कन ज़िले ,जबलपुर संभाग ,आगरा और बुंदेलखंड संभाग और पंजाब का हिसार संभाग भी काफी प्रभावित हुए थे '
अनुक्रम
1 अकाल के कारण
2 लोगों के मन में आश
3 अकाल की समाप्ति
4 सन्दर्भ
अकाल के कारण
१८६९ में मानसून ने आने में देरी की थी ' लेकिन जब मानसून आया तो इतना अच्छा भी नहीं आया केवल अगस्त महीने में ही थोड़ी बहुत बारिश हुई थी ,उस [1] वक्त राजपूताना के अधिकांश क्षेत्रों में पशुओं के चारे की काफी कमी थी इस कारण जानवर भूख से मर रहे थे ' इनके अलावा कुँओं में भी पानी काम हो रहा था ' उस [2] समय जब अनाज लाना होता था तो ऊँट पर काफी धीमी गति से लाते थे क्योंकि भूख के मारे ऊँट तेज नहीं चल पा रहा था ' राजपूताना के अकाल से त्रस्त क्षेत्रों (जैसे -मारवाड़ की आबादी) में पशु तथा लोग रोटी और पानी के लिए तरस रहे थे ' इस कारण इससे गंभीर बीमारियां फैल [3] रही थी जैसे भुखमरी और महामारी जैसी बीमारी फैल रही थी ' इनके अलावा १८६९ में वसंतकाल में कोई फसल नहीं उगाई गयी थी '
लोगों के मन में आश
मई १८६९ में कई गांवों के लोगों को विश्वास हो गया था कि अब जल्द ही बारिश होगी और अकाल मिटेगा ' और इसी प्रकार मध्य जुलाई तक बारिश नहीं हुई इस कारण सैकड़ों लोगों कि जानें गयी '
चित्र:Rajputana famine.jpeg
अकाल की समाप्ति
बाद में सितम्बर -अक्टूबर में बारिश हुई लेकिन उस वक्त शरद ऋतु थी इस कारण और कई लोगों की जानें गई इसके पश्चात १८७० तक ये अकाल बंद हुआ '
सन्दर्भ
↑ https://www.morebooks.de/store/fr/book/rajputana-famine-of-1869/isbn/978-613-3-16753-7
↑ https://en.wikisource.org/wiki/Page:EB1911_-_Volume_10.djvu/179
↑ http://www.vijayvaani.com/ArticleDisplay.aspx