दीपक अनुक्रम दीपक का इतिहास सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूची"दीप ज्योति नमस्तुते"दीप ज्योति नमस्तुतेसत्य की दीया तप का तेल
संस्कृति
दीपावलीभारतीय शास्त्रीय संगीत
दीप, दीपक, दीवा या दीया वह पात्र है जिसमें सूत की बाती और तेल या घी रख कर ज्योति प्रज्वलित की जाती है। पारंपरिक दीया मिट्टी का होता है लेकिन धातु के दीये भी प्रचलन में हैं। प्राचीनकाल में इसका प्रयोग प्रकाश के लिए किया जाता था पर बिजली के आविष्कार के बाद अब यह सजावट की वस्तु के रूप में अधिक प्रयोग होता है। हाँ धार्मिक व सामाजिक अनुष्ठानों में इसका महत्व अभी भी बना हुआ है। यह पंचतत्वों[क] में से एक अग्नि का प्रतीक माना जाता है। दीपक जलाने का एक मंत्र[ख] भी है जिसका उच्चारण सभी शुभ अवसरों पर किया जाता है। इसमें कहा गया है कि सुन्दर और कल्याणकारी, आरोग्य और संपदा को देने वाले हे दीप, शत्रु की बुद्धि के विनाश के लिए हम तुम्हें नमस्कार करते हैं। विशिष्ट अवसरों पर जब दीपों को पंक्ति में रख कर जलाया जाता है तब इसे दीपमाला कहते हैं। ऐसा विशेष रूप से दीपावली के दिन किया जाता हैं। अन्य खुशी के अवसरों जैसे विवाह आदि पर भी दीपमाला की जाती है।
अनुक्रम
1 दीपक का इतिहास
1.1 टीका टिप्पणी
2 सन्दर्भ
3 बाहरी कड़ियाँ
दीपक का इतिहास
ज्योति अग्नि और उजाले का प्रतीक दीपक कितना पुरातन है इसके विषय में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। गुफाओं में भी यह मनुष्य के साथ था। कुछ बड़ी अंधेरी गुफाओं में इतनी सुन्दर चित्रकारी मिलती है जिसे बिना दीपक के बनाना सम्भव नहीं था। भारत में दिये का इतिहास प्रामाणिक रूप से 5000 वर्षों से भी ज्यादा पुराना हैं जब इसे मुअन-जो-दडो में ईंटों के घरों में जलाया जाता था। खुदाइयों में वहाँ मिट्टी के पके दीपक मिले है। कमरों में दियों के लिये आले या ताक़ बनाए गए हैं, लटकाए जाने वाले दीप मिले हैं और आवागमन की सुविधा के लिए सड़क के दोनों ओर के घरों तथा भवनों के बड़े द्वार पर दीप योजना भी मिली है। इन द्वारों में दीपों को रखने के लिए कमानदार नक्काशीवाले आलों का निर्माण किया गया था।[1]
दीपक भारतीय संस्कृति और जीवन में इस प्रकार मिला जुला है कि इसके नाम पर भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक राग का नाम दीपक राग - रखा गया है। कहते हैं इसके गाने से दीपक अपने आप जलने लगते हैं।
टीका टिप्पणी
क. ^ पांच तत्व हैं मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। कहते हैं कि इन पांच तत्वों से ही सृष्टि का निर्माण हुआ है। अतः प्रत्येक हिंदू अनुष्ठान में पंचतत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
ख. ^ दीपमंत्र इस प्रकार है।
शुभंकरोति कल्याणम् आरोग्यं धनसंपदा।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमस्तुते।।
सन्दर्भ
↑ "दीप ज्योति नमस्तुते" (एचटीएम). अभिव्यक्ति. अभिगमन तिथि 5 अगस्त 2007.|access-date=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद).mw-parser-output cite.citationfont-style:inherit.mw-parser-output qquotes:"""""""'""'".mw-parser-output code.cs1-codecolor:inherit;background:inherit;border:inherit;padding:inherit.mw-parser-output .cs1-lock-free abackground:url("//upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/6/65/Lock-green.svg/9px-Lock-green.svg.png")no-repeat;background-position:right .1em center.mw-parser-output .cs1-lock-limited a,.mw-parser-output .cs1-lock-registration abackground:url("//upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/d6/Lock-gray-alt-2.svg/9px-Lock-gray-alt-2.svg.png")no-repeat;background-position:right .1em center.mw-parser-output .cs1-lock-subscription abackground:url("//upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/aa/Lock-red-alt-2.svg/9px-Lock-red-alt-2.svg.png")no-repeat;background-position:right .1em center.mw-parser-output .cs1-subscription,.mw-parser-output .cs1-registrationcolor:#555.mw-parser-output .cs1-subscription span,.mw-parser-output .cs1-registration spanborder-bottom:1px dotted;cursor:help.mw-parser-output .cs1-hidden-errordisplay:none;font-size:100%.mw-parser-output .cs1-visible-errorfont-size:100%.mw-parser-output .cs1-subscription,.mw-parser-output .cs1-registration,.mw-parser-output .cs1-formatfont-size:95%.mw-parser-output .cs1-kern-left,.mw-parser-output .cs1-kern-wl-leftpadding-left:0.2em.mw-parser-output .cs1-kern-right,.mw-parser-output .cs1-kern-wl-rightpadding-right:0.2em
बाहरी कड़ियाँ
- दीप ज्योति नमस्तुते
- सत्य की दीया तप का तेल