शवासन अनुक्रम विधि कितनी देर करें शवासन सावधानियाँ (विशेष बातें) लाभ इन्हें भी देखें बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूचीकैसे करें शवासन (वीडियो)।सं

Multi tool use
योग
शव का अर्थ होता है मृत अर्थात अपने शरीर को शव के समान बना लेने के कारण ही इस आसन को शवासन कहा जाता है। यह दो शब्दों के योग से बना है, शव + आसन = शव आसन या शवासन। इस आसन का उपयोग प्रायः योगसत्र को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह एक शिथिल करने वाला आसन है और शरीर, मन और आत्मा को नवस्फूर्ति प्रदान करता है। ध्यान लगाने के लिए इसका सुझाव नहीं दिया जाता क्योंकि इससे नींद आ सकती है।
अनुक्रम
1 विधि
2 कितनी देर करें शवासन
3 सावधानियाँ (विशेष बातें)
4 लाभ
5 इन्हें भी देखें
6 बाहरी कड़ियाँ
विधि

शवासन विधि।
- पीठ के बल लेट जाएँ और दोनों पैरों में डेढ़ फुट का अंतर रखें। दोनों हाथों को शरीर से ६ इंच (१५ सेमी) की दूरी पर रखें। हथेली की दिशा ऊपर की ओर होगी।
- सिर को सहारा देने के लिए तौलिया या किसी कपड़े को दोहरा कर सिर के नीचे रख सकते हैं। इस दौरान यह ध्यान रखें कि सिर सीधा रहे। (जैसे चित्र में दर्शाया गया है)।
- शरीर को तनावरहित करने के लिए अपनी कमर और कंधों को व्यवस्थित कर लें। शरीर के सभी अंगों को ढीला छोड़ दें। आँखों को कोमलता से बंद कर लें। शवासन करने के दौरान किसी भी अंग को हिलाना-डुलाना नहीं है।
- आप अपनी सजगता (ध्यान) को साँस की ओर लगाएँ और उसे अधिक से अधिक लयबद्ध करने का प्रयास करें। गहरी साँसें भरें और साँस छोड़ते हुए ऐसा अनुभव करें कि पूरा शरीर शिथिल होता जा रहा है। शरीर के सभी अंग शांत हो गए हैं।
- कुछ देर साँस की सजगता को बनाए रखें, आँखें बंद ही रखें और भू-मध्य (भौहों के मध्य स्थान पर) में एक ज्योति का प्रकाश देखने का प्रयास करें।
- यदि कोई विचार मन में आए तो उसे साक्षी भाव से देखें, उससे जुड़िए नहीं, उसे देखते जाएँ और उसे जाने दें। कुछ ही पल में आप मानसिक रूप से भी शांत और तनावरहित हो जाएँगे।
- आँखे बंद रखते हुए इसी अवस्था में आप १० से १ (या २५ से १) तक उल्टी गिनती गिनें। उदाहरण के तौर पर "मैं साँस ले रहा हूँ १०, मैं साँस छोड़ रहा हूँ १०, मैं साँस ले रहा हूँ ९, मैं साँस छोड़ रहा हूँ ९"। इस प्रकार शून्य तक गिनती को मन ही मन गिनें।
- यदि आपका मन भटक जाए और आप गिनती भूल जाएँ तो दोबारा उल्टी गिनती आरंभ करें। साँस की सजगता के साथ गिनती करने से आपका मन थोड़ी देर में शांत हो जाएगा।
कितनी देर करें शवासन
योग की पाठशाला में आप १ या २ मिनट तक शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। अलग से समय निकाल पाएँ तो २० से ३० मिनट तक शवासन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। विशेषकर थक जाने के बाद या सोने से पहले।
सावधानियाँ (विशेष बातें)
- आँखें बंद रखनी चाहिए। हाथ को शरीर से छह इंच की दूरी पर व पैरों में एक से डेढ़ फीट की दूरी रखें। शरीर को ढीला छोड़ देना चाहिए। श्वास की स्थिति में शरीर को हिलाना नहीं चाहिए।
- शवासन के दौरान किसी भी अंग को हिलाएंगे नहीं। सजगता को साँस की ओर लगाकर रखें। अंत में अपनी चेतना को शरीर के प्रति लेकर आएँ।
- दोनों पैरों को मिलाइए, दोनों हथेलियों को आपस में रगड़िए और इसकी गर्मी को अपनी आँखों पर धारण करें। इसके बाद हाथ सीधे कर लें और आँखे खोल लें।
लाभ

यदि शवासन को पूरी सजगता के साथ किया जाए तो यह तनाव दूर करता है, उच्च रक्तचाप सामान्य करता है और नींद न आने की समस्या को दूर भगाता है।
शवासन के निम्नलिखित लाभ हैं :-
- शवासन एक मात्र ऐसा आसन है, जिसे हर आयु के लोग कर सकते हैं। यह सरल भी है। पूरी सजगता के साथ किया जाए तो तनाव दूर होता है, उच्च रक्तचाप सामान्य होता है, अनिद्रा को दूर किया जा सकता है।
- श्वास की स्थिति में हमारा मन शरीर से जुड़ा हुआ रहता है, जिससे कि शरीर में किसी प्रकार के बाहरी विचार उत्पन्न नहीं होते। इस कारण से हमारा मन पूर्णत: आरामदायक स्थिति में होता हैं, तब शरीर स्वत: ही शांति का अनुभव करता है। आंतरिक अंग सभी तनाव से मुक्त हो जाते हैं, जिससे कि रक्त संचार सुचारु रूप से प्रवाहित होने लगता है। और जब रक्त सुचारु रूप से चलता है तो शारीरिक और मानसिक तनाव घटता है। विशेषकर जिन लोगों को उच्च रक्तचाप और अनिद्रा की शिकायत है, ऐसे रोगियों के लिए शवासन अधिक लाभदायक है।
- शरीर जब शिथिल होता है, मन शांत हो जाता है तो आप अपनी चेतना के प्रति सजग हो जाते हैं। इस प्रकार आप अपनी प्राण ऊर्जा को फिर से स्थापित कर पाते हैं। इससे आपके शरीर की ऊर्जा पुनः प्राप्त हो जाएगी।
इन्हें भी देखें
- योग
- प्राणायाम
बाहरी कड़ियाँ
- कैसे करें शवासन (वीडियो)।
O8g4kswQk 8nnJznk6ck8QHvef I7ri,64ZT uuC,jDi NOaKwt a,cNIALO6jTzqRgtEL8 2NUCJpFYgJAwr5,ypIFy,461EG,29ofAL1n2k