भूपेन खखर अनुक्रम कार्य आरंभिक जीवन कैरियर पुरस्कार और सम्मान सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूचीBBC newswww.contemporaryindianart.com"भूपेन खखर प्रोफाइल,इंटरव्यू एंड आर्टवर्क्स"कंटेम्पररी इंडियन आर्टइंटरनेशनल आर्टिस्ट्स'डेटाबेसप्रिंस क्लॉस फण्ड

कलाचित्रकला


भारतीयवडोदरामुंबईमाटुंगागुजरातीवडोदरालंडन




भूपेन खखर (जन्म स्थान- मुंबई, जन्म दिन - १० मार्च १९३४, देहांत - वडोदरा, ८ अगस्त २००३) समकालीन भारतीय कला जगत के एक बड़े कलाकार थे। वडोदरा ही उनकी कार्यभूमि थी और उनके कार्य को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली थी।




अनुक्रम





  • 1 कार्य


  • 2 आरंभिक जीवन


  • 3 कैरियर


  • 4 पुरस्कार और सम्मान


  • 5 सन्दर्भ


  • 6 बाहरी कड़ियाँ




कार्य


श्री खखर एक स्व-प्रशिक्षित कलाकार थे और एक् चित्रकार के रूप मे उन्होने अपना कारिएर काफ़ी देर से शुरू किया था। उनका कार्य रूपकात्मक चरित्र वाला था और इसका संबंध मानवीय शरीर और इसकी पहचान से था। एक स्व-घोषित समलैंगिक व्यक्ति [1] के रूप मे लिंग की परिभाषा और इसके पहचान से जुड़ी समस्याएँ उनकी कला की प्रधान विषय वस्तु थीं। उनके चित्रों मे आमतौर पर भारतीय मिथकों और मिथकीय प्रकरण वाले चित्र शामिल हुआ करते थे।



आरंभिक जीवन


भूपेन खखर का जन्म मुंबई मे हुआ था जहाँ उन्होने खेत्वादी क्षेत्र मे अपने अभिभावकों और तीन भाई-बहनो के साथ अपना बचपन गुज़ारा। वह चार बच्चों मे सबसे छोटे थे और उनके पिता परमानन्द, जो पेशे से एक अभियंता थे, मुंबई के माटुंगा इलाक़े मे स्थित वि.जे.टी. आई. नाम के संस्थान मे बाह्य परीक्षक के रूप मे कार्यरत थे. परमानन्द को बहुत ज़्यादा शराब पीने की लत थी और जब भूपेन चार साल के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया. उनकी माता महालक्ष्मी एक आम गृहणी थी और उन्होने पूरी आशा के साथ अपनी सारी पूँजी अपनी छोटी संतान के भविष्य को सवारने मे लगा दी.


खखर परिवार परंपरागत रूप से कलाकारों का परिवार था जो मूल रूप से तत्कालीन पुर्तगाली उपनिवेश दिउ के रहने वाले थे. घर पर वे प्रायः गुजराती, मराठी और हिन्दी मे बात करते थे पर उन्हे अँग्रेज़ी का खास ज्ञान नही था.


भूपेन अपने परिवार के पहले व्यक्ति थे जिन्होने बंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान जैसे विशेष विषयों के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपने परिवार के दवाब के कारण उन्होने बाद मे वाणिज्य स्नातक की शिक्षा भी ग्रहण की और सनदी लेखाकार (चार्टर्ड अकाउंटेंट) की योग्यता भी प्राप्त की.


श्री खखर ने कई वर्षों तक भारत पारिख एंडअसोसीयेट्स के साथ वडोदरा मे साझेदारी मे लेखाकर का काम किया और साथ ही खाली समय मे अपनी कलात्मक अभिरुचियो को भी जारी रखा. वे कुछ ही समय मे भारतीय मिथकों और साहित्य के जानकार बन गये और उन्हे दृश्य कला का भी अच्छा ख़ासा ज्ञान हो गया था.


१९५८ मे उनकी भेंट युवा गुजराती कवि और चित्रकार गुलाम मोहम्मद शेख से हुई और उन्होने श्री खखर की कला के क्षेत्र मे सुप्त अभिरुचि को प्रोत्साहित किया तथा उन्हें वडोदरा मे स्थापित हुए नये फॅकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स मे आने का निमंत्रण भी दिया. [2]



कैरियर


श्री खखर के तैलीय चित्र अक्सर काफ़ी विवरणात्मक होते थे और उनमे आत्मवर्णन का पुट होता था. उनके सर्वप्रथम प्रदर्शित चित्रों मे लोकप्रिय पुस्तकों से काटे गये देवताओं के चित्र शामिल थे जिन्हे दर्पण पर चिपका कर, भिट्टिचितरों और संकेतिक चिन्हों के रूप मे प्रदर्शित किया गया था. [3]


उन्होने १९६५ से ही अपने चित्रो का एकल प्रदर्शन आरंभ कर दिया था. हालाँकि वे एक स्वप्रशिक्षित कलाकार थे फिर भी जल्द हीं उनकी कलकीर्तियाँ आकर्षण का केंद बन गयीं और उन्हे आलोचकों की सराहना भी मिलने लगी. १९८० के दसक तक श्री खखर के चित्रों के एकल प्रदर्शन लंडन, बर्लिन, आम्सटरडॅम और टोक्यो जैसे जगहों पर होने लगे थे. [4]



पुरस्कार और सम्मान


साल २००० मे को श्री खखर द रॉयल पॅलेस ऑफ आम्सटरडॅम मे प्रिन्स क्लॉस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उनके अन्य सम्मानों मे द एशियन काउन्सिल'स स्टार फाउंडेशन द्वारा १९८६ मे दी गयी फेलोशिप और भारत सरकार द्वारा १९८४ मे दिया गया पद्मा श्री सम्मान शामिल हैं.


उनके चित्र ब्रिटिश म्यूज़ीयम, द टेट गॅलरी, लंडन, द म्यूज़ीयम ऑफ मॉडर्न आर्ट, न्यू यॉर्क आदि मे प्रदर्शित किए गये हैं.



सन्दर्भ




  1. BBC news


  2. भूपेन खखर, टिमोथी ह्यमन, शेमॉल्ड पब्लिकेशन्स एंड मापिं पब्लिशिंग, १९९८, ISBN ८१-८५८२२-५५-७


  3. http://www.tate.org.uk/art/artists/bhupen-khakhar-2406


  4. वडैहरा आर्ट गैलरी, २०थ सेंचुरी म्यूजियम ऑफ़ कंटेम्पररी आर्ट www.contemporaryindianart.com



बाहरी कड़ियाँ


  • "भूपेन खखर प्रोफाइल,इंटरव्यू एंड आर्टवर्क्स"

  • कंटेम्पररी इंडियन आर्ट

  • इंटरनेशनल आर्टिस्ट्स'डेटाबेस

  • प्रिंस क्लॉस फण्ड


Popular posts from this blog

कुँवर स्रोत दिक्चालन सूची"कुँवर""राणा कुँवरके वंशावली"

Why is a white electrical wire connected to 2 black wires?How to wire a light fixture with 3 white wires in box?How should I wire a ceiling fan when there's only three wires in the box?Two white, two black, two ground, and red wire in ceiling box connected to switchWhy is there a white wire connected to multiple black wires in my light box?How to wire a light with two white wires and one black wireReplace light switch connected to a power outlet with dimmer - two black wires to one black and redHow to wire a light with multiple black/white/green wires from the ceiling?Ceiling box has 2 black and white wires but fan/ light only has 1 of eachWhy neutral wire connected to load wire?Switch with 2 black, 2 white, 2 ground and 1 red wire connected to ceiling light and a receptacle?

चैत्य भूमि चित्र दीर्घा सन्दर्भ बाहरी कडियाँ दिक्चालन सूची"Chaitya Bhoomi""Chaitya Bhoomi: Statue of Equality in India""Dadar Chaitya Bhoomi: Statue of Equality in India""Ambedkar memorial: Centre okays transfer of Indu Mill land"चैत्यभमि