अदा जाफ़री अनुक्रम जीवन साहित्यिक कैरियर अंदाज शैली कार्य पुरस्कार समालोचनात्मक प्रतिष्ठा इन्हें भी देखें सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूची24°52′0″N 67°3′18″E / 24.86667°N 67.05500°E / 24.86667; 67.05500

Biography template using bare URL in website parameter1924 में जन्मे लोगउर्दू लेखिका२०१५ में निधन


उर्दू साहित्यपाकिस्तान सरकारलखनऊमासेचुसेट्सआधुनिक कलानारीवादीनई दिल्लीक़ायदे-आज़म


























अदा जाफ़री
ادؔا جعفری (उर्दु)

Ada Jafarey.jpg
1987 में अदा जाफरी

जन्मअज़ीज़ जहान
22 अगस्त 1924
बदायूं, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु12 मार्च 2015(2015-03-12) (उम्र 90)
कराची, पाकिस्तान
मृत्यु स्थान/समाधिजमशेद नगर, कराची 24°52′0″N 67°3′18″E / 24.86667°N 67.05500°E / 24.86667; 67.05500
उपनामअदा जाफरी
व्यवसायकवयित्री, लेखिका
भाषाउर्दू
राष्ट्रीयताभारत (1924–1947)
पाकिस्तान (1947–2015)
विधा
  • गजल

  • लघु निबंध

उल्लेखनीय कार्यs
“Maiṉ Sāz Ḍhūṉḍtī Rahī” (1950)
‘S̲h̲ahr-i Dard’ (1967)
जीवनसाथीNurul Hasan Jafarey (वि॰ 194795)
सन्तान
  • साबिहा जाफरी

  • आज़मी जाफरी

  • आमिर जाफरी

जालस्थल
http://www.adajafarey.com

अदा जाफ़री एक पाकिस्तानी लेखिका और कवयित्री थीं। यह पहली मुख्य रूप से उर्दू में कविता लिखने वाली महिला बनी। इनकी कहानी के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।[1][2][3][4][5] कवयित्री होने के साथ-साथ वे एक लेखिका भी थी और समकालीन उर्दू साहित्य मे उनका विशिष्ठ स्थान है।< [6] कवयित्री हो साहित्य की दिशा मे उनके योगदान के लिय पाकिस्तान राईटर्स गिल्ड, पाकिस्तान सरकार और उत्तरी अमेरिका और यूरोप के साहित्यिक समाजों ने उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया था।




अनुक्रम





  • 1 जीवन

    • 1.1 वैवाहिक जीवन


    • 1.2 परिवार


    • 1.3 बाद का जीवन


    • 1.4 मृत्यु



  • 2 साहित्यिक कैरियर

    • 2.1 पहली महिला कवि



  • 3 अंदाज


  • 4 शैली


  • 5 कार्य


  • 6 पुरस्कार

    • 6.1 नारीवाद विचार



  • 7 समालोचनात्मक प्रतिष्ठा


  • 8 इन्हें भी देखें


  • 9 सन्दर्भ


  • 10 बाहरी कड़ियाँ




जीवन


इनका जन्म उत्तर प्रदेश, भारत में 22 अगस्त 1924 में हुआ था। इनका बचपन का नाम अज़ीज़ जहान था।[7] वे केवल तीन वर्स्ष की थी जब उन्के पिता, मौलवी बदरूल हसन की मृत्यु हो गयी थी और उनकी माँ ने उनका का पालन-पोषण किया। [8][9]यह 12 वर्ष के उम्र में ही कविता बनाने लगीं। नुरून हसन जाफरी से लखनऊ में 29 जनवरी 1947 को शादी हो जाती है। शादी के बाद वह अपने पति के साथ लखनऊ से कराची चले जाते हैं। जहाँ नुरून अँग्रेजी और उर्दू समाचार पत्र में एक लेखक बन जाते हैं। 3 दिसम्बर 1995 को नुरून की मौत हो जाती है। इसके बाद वह कराची से टोरोंटो में चले जाती हैं। जहाँ वह उर्दू का प्रचार करती हैं।



वैवाहिक जीवन




Awesome lucknow


उन्होंने २७ जनवरी १९४७ पर नुरुल हसन जाफरेय से लखनऊ मे शादी की। शादी के बाद उन्होंने अदा जाफ्रि का उपनाम ले लिया। उनके पति, नुरुल हसन, भारत की संघीय सरकार मे सर्वोच्च पद के सिविल सेवक थे। १९४७ मे विभाजन के पश्चात, वे अपने पति के साथ कराची चले गई। उनके पति एक साहित्यकार भी थे और अंग्रेजी एव्ं उर्दु अखबारो मे उन्होने समीक्षक के तोर पर काम भी किया था। उनके पति अंजुमन-ए तरक्की-ए उर्दू नाम संस्था के अध्यक्ष भी रह चुके थे। अदा जाफरी अपने पति को अपनी सबसे बडी प्रेरणा मानती थी। उनके पति का देहांत ३ दिसंबर १९९५ को हुआ था।



परिवार


अदा जाफरी और नुरुल जाफ्रि के सबीहा, आजमी और आमिर नाम के तीन बच्चे थे।[10] सबीहा जाफरी ने जुबैर इकबाल से शादी की है और वे पोटोमेक, मेरीलैंड, अमेरिका में बसे है। उन्के, सबा इकबाल, यूसुफ इकबाल और समीर इकबाल नाम के तीन बच्चे हैं। आजमी जाफरी और उनकी पत्नी शूआ जाफ्रि अब एंडोवर, मासेचुसेट्स, अमेरिका में बसे हुए हैं। उनके दो बेटे, फाइज़ और आज़िम हैं। अदा जाफरी अपने बेटे आमिर जाफ्रि और उनकी पत्नी माहा जाफरी के साथ करची मे रहा करती थी। उनकी एक बेटी थी, असरा जाफ्रि।



बाद का जीवन


अदा जाफरी कराची मे रहा करती थी।उन्होंने उर्दू भाषा को बढ़ावा देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई थी और इसके लिये,वे अकसर कराची और टोरंटो के बीच लगातार यात्रा करती थी।



मृत्यु




Karachi downtown


उनके आखरी समय मे अदा जाफरी का इलाज कराची मे हो रहा था। १२ मार्च २०१५ की शाम को उनकी मृत्यु हो गई।[11] मृत्यु के समय वे ९० वर्ष की थी। जाफरी की मौत पर पाकिस्तानी सूचना मंत्री प्रसार तथा राष्ट्रीय विरासत, परवेज राशिद, सिंध के राज्यपाल डॉ इश्रातुल एबाद खान, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ, डॉ मुहम्मद कासिम बुघयो, अध्यक्ष पाल, और ज़ाहिदा परवीन, महानिदेशक पाल, ने दु: ख व्यक्त किया। उन सब ने उर्दु भाषा के प्रति जाफ्रि के योगदान को सराहा। उसके अंतिम संस्कार प्रार्थना अल-हिलाल मस्जिद, कराची में आयोजित किया गया था। उन्हें पि।ई।सि।एच।एस कब्रिस्तान, जमशेद टाउन, कराची, में दफनाया गया था।





साहित्यिक कैरियर



पहली महिला कवि


अदा जाफरी एक पारंपरिक रूप से रूढिवादी समाज का हिस्सा थी जिसमें महिलाओं को स्वतंत्र रूप से सोचने की और अपने खयाल अभिव्यक्त करने की अनुमति थी। पर उन्होंने निडरता से खुद को व्यक्त किया। पारंपिकता में जडे हुए व्यक्तित्व होने के बावजूद उन्होंने आधुनिक कला में भाग लिया। वर्ष १९५० से ही उन्हें 'उर्दू कविता की प्रथम महिला'की मान्यता दी गई थी।[12] उनकी माँ और उसके पति नुरुल हसन ने, सामाजिक कठिनाइयों के बावजूद उन्हें अपने साहित्यिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। वे अख्तर शीरानी और जफर अली खान असर लखनवी जैसे महान कवोयों की छात्रा थी और उनसे अपनी कविताओं की जाँच और सुधार् करवाती थी।





अंदाज


अदा जाफरी लिंग-तटस्थ दृष्टिकोण से लिखती थी,[13] हालांकि उन्होंने कई नारीवादी विषय जैसे ओरतो साथ हो रहे भेदभाव, उनको को यौन वस्तुओं के रूप में देखा जाना और उनका अमानवीकरण आदि पर भी लिखा है। उसका व्यक्तित्व उसकी कविता से अनुपस्थित लगता है।
अदा जाफरी ने एक पत्नी और मां के रूप में एक संशोधित पारंपरिक मुहावरा में अपने अनुभवों के बारे में लिखा है, लेकिन यह भी इन रिश्तों के साथ की पूर्ति के अभाव दिखा है।





शैली


अदा जाफरी की कार्यों की सूची मै ज्यादातर गज़ल है हालांकि उन्होंनें आजाद नज़्म और उर्दू हाइक का भी प्रयोग किया है। उर्दू शायरी की दो शैलियाँ है- नज़्म और ग़ज़ल और उन्होंनें दोनों में महारत हासिल किया था। अपने गज़लों में उन्होंनें उपनाम 'अदा' का प्रयोग किया। कविताओं और गज़ल आदि के अलावा उन्होंनें कुछ मज़ामीन भी लिखे हैं।



कार्य


अदा जाफरी का पहला ग़ज़ल 1945 में अख्तर शीरानी की पत्रिका, रोमन, में प्रकाशित हुआ था। वर्ष १९५० मे, 'मैं साज़ ढूंढती रही' प्रकाशित हुआ जो की अदा जाफरी की कवोताओं का पहला संग्रह था। वर्ष १९८७ मे उनकी पुस्तक 'ग़ज़ल नूमा' प्रकाशित हुआ था जिसमे पिछले उर्दू कवियों पर लघु जीवनी और संक्षिप्त टिप्पणियों के साथ लघु निबंध युक्त थे। इसके अलावा, उन्होंनें उर्दू शायरी के पाँच संग्रह प्रकाशित करवाए थे('शहर-ए-दर्द', 'घज़ालन, तुम तो वाकिफ हो !', 'हर्फ-ए शनासा', 'सफर बाकी', और 'मौसम, मौसम ')। उन्होंने अपनी आत्मकथा (' जो रही सो बेखबरी रही'), और चालीस शोध पत्र उनकी कार्यों की सूची में सम्मिलित हैं। उन्होंनें उर्दू हायकू के अपने संग्रह, 'साज़-ए सुखन बहाना है', को भी प्रकाशित करवाया। उनका गज़ल, 'होठों पे कभी उनके मेरा नाम आए' को उस्ताद अमानत अली खान ने गाया और प्रचलित किया। इस गज़ल का पहला दोहा कुछ इस प्रकार है:






ہونٹوں پہ کبھی ان کے، میرا نام ہی آئے

؎
آئے تو سہی، برسرالزام ہی آئے




लिप्यंतरण:

होठों पे कभी उनके मेरा नाम ही आए

आए तो सही पर सही इलज़ाम ही आए





पुरस्कार


१९५५ में, हमदर्द फाउंडेशन, नई दिल्ली ने 'सदी के प्रख्यात महिला कवि' के रूप में उन्हें पहचाना। उसके बाद १९६७ में, उन्हें अपने दूसरे काव्य संग्रह, 'शहर-ए दर्द' के लिए 'पाकिस्तान राइटर्स गिल्ड' द्वारा ओ'अदमजी साहित्य पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। उनके काम की मान्यता में, पाकिस्तान की सरकार वर्ष १९८१ में उन्हें 'उत्कृष्टता के पदक' से सम्मानित किया। १९९४ में उन्होंनें 'पाकिस्तान अकादमी्ट् ओफ लेट्ट्र्स' से बाबा-ए उर्दू, डॉ मौलवी अब्दुल हक पुरस्कार प्राप्त किया और १९९७ में क़ायदे-आज़म साहित्य पुरस्कार मिला। हमदर्द फाउंडेशन, पाकिस्तान ने उन्हें योग्यता का प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। अदा जाफरी को विश्व भर मे प्रसिद्धि मिली और उन्हें उत्तरी अमेरिका और यूरोप के कई साहित्यिक समाजों से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
पाकिस्तान की सरकार ने २००२ में उन्हें प्राईड ओफ पेर्फोर्मेन्स अवार्ड फोर लिट्रेचर से सम्मानित किया गया। उन्हें २००३ मे पाकिस्तान अकादमी ओफ लेट्ट्र्स द्वारा, साहित्य में आजीवन उपलब्धि के लिए कमल-ए फैन पुरस्कार प्राप्त हुआ था। १९९७ में पाकिस्तान अकादमी ओफ लेट्ट्र्स (पाल) द्वारा स्थापित किए गए इस साहित्यिक पुरस्कार की वे पहली महिला प्राप्तकर्ता थी।



नारीवाद विचार


अदा जाफरी नारीवाद की समर्थक थी और यह विचार उनके कुछ कार्यों में भी झलकते हैं। उन्होंनें कुछ इस प्रकार अपने विचार व्यक्त किए हैं:


" میں نے مردوں کی عائد کردہ پابندیوں کو قبول نہیں کیا، بلکہ اُن پابندیوں کو قبول کیا جو میرے ذہن نے مجھ پہ عائد کی ہیں۔۔۔ میں سمجھتی ہوں کہ بات کو بین الستور کہنا زیادہ مناسب ہے کیونکہ رمز و کنایہ بھی تو شاعری کا حُسن ہے۔ "


अनुवाद:
मैं पुरुषों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं करती हूँ, बल्कि मैं केवल उन प्रतिबंधों को स्वीकार करूगी मेरे मन मुझ पर लगायेगा॥। मुझे एक घूंघट के पीछे से चीजों को कहना और अधिक उचित लगता है क्योंकि प्रतीकान्मक्ता और संकेत से भी तो कविता की सुंदरता दिखती है।
इन ही विचारो के कारण उन्हें पाकिस्तान की सबसे बहतरीन नारीवाद कवयित्रियों में से एक माना जाता हैं



समालोचनात्मक प्रतिष्ठा


विभिन्न आलोचकों का कहना है कि अदा जाफरी की कविताएँ की अभिव्यक्ति, विनम्रता से भरी है। वे अपनी कविताओं के माध्यम से एक अनूठी कलात्मक तरीके से पुराने और नए विचारों को जोड़ती है। काजी अब्दुल गफ्फा ने अदा जाफरी के छंद के संग्राह के अपने परिचय मे विशेष रूप से उनके अभिव्यक्ति की नारीवादी रास्ते के क्षेत्र में उनके नाम का उल्लेख किया।


उर्दू कवि और आलोचक, जज़ीब कुरैशी ने कहा:
"अदा जाफरी पहली और एकमात्र महिला कवि है जो अपने कविताओं मे गालिब, इकबाल, और जिगर के शाश्वत रंग ढालती है"



इन्हें भी देखें


  • गज़ल

  • फहमिदा रियाज

  • किश्वर नाहीद

  • परवीन शाकिर


सन्दर्भ




  1. https://books.google.com/books?id=1lTnv6o-d_oC&pg=PA352


  2. http://www.poemhunter.com/ada-jafri/biography/ अदा जाफरी जीवनी


  3. http://www.saudigazette.com.sa/index.cfm?method=home.regcon&contentid=20130822177704 अदा जाफरी: उर्दू शायरी की पहली महिला


  4. https://books.google.co.in/books?id=1lTnv6o-d_oC&pg=PA352&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false पाकिस्तान की कवयित्रियाँ


  5. https://books.google.co.in/books?id=br4iZtc9fiIC&pg=PA1&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false


  6. https://books.google.co.in/books?id=fwofF4kgvEgC&pg=PA68&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false


  7. http://www.express.pk/story/336647/


  8. http://www.dawnnews.tv/news/1018284


  9. http://dunya.com.pk/index.php/pakistan/2015-03-13/537211#.Ve8mqtKqqko


  10. Jafarey, Ada. "Family". Personal website. Dr. Aamir Jafarey. Retrieved 2 December 2013.


  11. http://arynews.tv/en/poetess-ada-jafri-passes-away/


  12. http://www.express.pk/story/336581/


  13. https://books.google.co.in/books?id=m1R2Pa3f7r0C&pg=PA440&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false



बाहरी कड़ियाँ








Popular posts from this blog

Has the laser at Magurele, Romania reached a tenth of the Sun's power?Is the laser built in Măgurele, România, the most powerful in the world?Has man walked on the Moon?Did a nuclear blast devastate Port Chicago on July 17, 1944?Is this a true demonstration of using a stove to power a paper airplane?Does the Theradome Laser Helmet deliver around 7 J/cm2 to the head?What formula gives the solunar periods of the Solunar Theory?Can a strong solar storm knock out our power grids for months?Is half of the climate change in the past 110 years due to natural variation in the Sun's output?Does charging a phone use the same power as a washing machine?Is the laser built in Măgurele, România, the most powerful in the world?Do lipid droplets in our skin create a laser?

त्रोत्स्की जीवन परिचय बाहरी कड़ियाँ दिक्चालन सूचीत्रोत्सकी और भारत

आपसी सहायता अनुक्रम प्रतिस्पर्धा और सहयोग आपसी सहायता के पांच सिद्धान्त अमीबा में सहयोग सामाजिक कीट पक्षियों में बच्चों का पालन-पोषण हाथी परिवार नरवानर गण मानव समूह इन्हें भी देखें सन्दर्भ दिक्चालन सूची